आर्य और काली छड़ी का रहस्य-50
अध्याय-17
अंत-एक नई शुरुआत
भाग-2
★★★
आरदु और जुने एक कार में थे जो समान रफ्तार से किसी जंगल में आगे की तरफ बढ़ रही थी। आरदु ने सिगरेट जला रखी थी और वह सिगरेट पीते हुए गाड़ी चला रहा था।
उसके बगल में बैठी जुने ने एक्साइट होते हुए पूछा “क्या आज हम सच में शैतान से मिलने वाले हैं…... मैंने शैतान से आज से पहले कभी मुलाकात नहीं की...। मुझे तो यह भी नहीं पता वह दिखते कैसे हैं। क्या वह भयानक है? क्या वह डरावने है?”
आरदु अपने चेहरे पर थोड़े अजीब से भाव लेते हुए बोला “तुम इस बारे में ना ही जानो तो बेहतर। शैतान भयानक नहीं बल्कि उससे भी ज्यादा है। उसे देखते ही किसी भयानक दिखने वाले जीव के रोंगटे भी हिल जाएं।”
जुने यह सुनकर डरी नहीं, ना ही उसने अपने चेहरे के भावों को बदला। बल्कि यह सुनने की वजह से उसकी एक्साइटमेंट और बढ़ गई। उसने कहा “वाऊव.... तब तो यकीनन बहुत मजा आएगा। शैतान को तो भगवान भी माना जाता है, बस वह भगवान की तरह नेक काम नहीं करता।” इतना कहने के बाद जुने ने आरदु से पूछा “अच्छा तुमने कभी शैतान को देखा है क्या? अपनी जिंदगी में कभी भी तुम्हारा उसके साथ आमना-सामना हुआ है? किसी भी बात को लेकर? कोई आदेश या कुछ और?”
“हां।” आरदु ने सिगरेट का लंबा कश खींचा और अपने हाथ को खिड़की पर रख दिया। इससे बाहर की आती हवा सिगरेट को तेजी से जलाने लगी और सिगरेट का धुआं कार के पीछे की तरफ जाने लगा। आरदु बोला “आज से 12 साल पहले शैतान से बातचीत हुई थी। तब उसने हमें भविष्यवाणी वाले लड़के को खत्म करने के लिए कहा था। तब पहली बार मैंने और मेरे साथ के कुछ लोगों ने शैतान को देखा था। वो मंजर इतना भयानक था कि हम उसे जिंदगी में कभी नहीं भुला सकते। शैतान... शैतान.... वह क्या चीज है तुम उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकती।”
जुने ने अचानक दिलकश प्रवृत्ति अपनाई और अपना हाथ खिसकाते हुए जुने के जांघ पर रख दिया। “अंदाजा तो कोई इस बात का भी नहीं लगा सकता की आखिर मैं क्या चीज... हुं...” इसके बाद वह और भी ज्यादा दिलकश होते हुए बोली “और मैं क्या कर सकती हूं....।”
आरदु ने उसे शैतानी मुस्कान के साथ देखा। मगर उसके इरादे कुछ और ही थे। वह उस बारे में नहीं सोच रहा था जिस बारे में जुने सोच रही थी। आरदु ने गहरी सांस ली और सिगरेट को बाहर फेंकते हुए उस हाथ से स्टेरिंग को संभाल लिया जबकि दूसरे हाथ से जुने को खींच कर अपने पास कर लिया। कुछ देर के लिए चलती गाड़ी में उनकी अतरंगी हरकतें शुरू हो गई।
तकरीबन 10 मिनट तक गाड़ी ऐसे ही चलती रही। फिर आरदु ने ब्रेक मारी और गाड़ी को रोक दिया। जुने ने हांफते हुए सामने देखा “ क्या हम पहुंच गए....?” वह गाड़ी के बाहर की तरफ देखने लगी।
यह किसी खुले मैदान के दृश्य थे जिसमें सामने की तरफ कोई चटटानी खाई थी। इस वक्त रात थी तो इस से ज्यादा कुछ और दिखाई नहीं दे रहा था।
आरदु ने गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए जुने से कहा “हां, मगर तुम यहीं रुकना... और 1 मिनट...” तभी वह जुने की तरफ हुआ और उसके ऊपर से होते हुए दूसरी ओर से सीट बिल्ट खींची। सीट बेल्ट खीचने के बाद उसने उसे सीट के इस और लगा दिया। “इसे पहन कर रखना...” वह बोला और जुने के हाॅठ चुम लिए। इसके बाद वह गाड़ी से बाहर आया और दरवाजा बंद कर एक लंबी अंगड़ाई ली।
अंदर जुने अभी भी हैरत से इधर उधर देख रही थी। आखिर में उसने इधर-उधर देखना छोड़ बस आरदु की तरफ नजर रखी।
आरदु लंबी अंगड़ाई लेने के बाद गाड़ी के पीछे की तरफ चल पड़ा और वहां उसने डिक्की खोली। डिक्की में एक गैलन पड़ी थी। आरदु ने उस गैलन को देखा और चेहरे पर अजीब से भाव लाते हुए उसे निकाल लिया। उसके भाव शैतानी थे।
गेलन निकालने के बाद वह जुने की तरफ आया और खिड़की खटखटाई। वो जुने को कांच का शीशा नीचे करने के लिए कह रहा था। जुने ने कांच का शीशा नीचे कर दिया।
मगर जैसे ही उसने कांच के शीशे को नीचे किया, आरदु ने गेलन के ढक्कन को खोलो और उससे गेलन में भरे द्रव की कुछ मात्रा जुने पर उड़ेल दी।
जुने यह देखकर सहम गई। उसके पूरे कपड़े द्रव से भीग गए। चेहरे पर हैरान होने जैसे भाव आ गए। उसने द्रव को सुंघा और दयनीय स्वर में आरदु से बोली “यह तो पेट्रोल है!”
आरदु ने उसे बिना किसी एक्सप्रेशन के जवाब दिया “हां जानता हूं।”
इतना कहकर उसने गाड़ी के ऊपर भी पेट्रोल छिड़कना शुरु कर दिया। वही जुने अंदर छटपटाने लगी। उसने सीट बेल्ट खोलने की कोशिश की मगर वह लोक थी। उसने आरदु का नाम चिल्लाया, यह तुम क्या कर रहे हो भी बोली, उसकी बेचैनी उसका डर सब कुछ उभरकर उसके चेहरे पर आ रहा था। अब जो भी होने वाला था उसके बारे में सोच कर उसके शरीर ने संकुचित होना शुरु कर दिया था।
आरदु ने पेट्रोल को गाड़ी पर डालने के बाद गाड़ी के इर्द-गिर्द कोई आकृति बनाना शुरु कर दी। उस आकृति को वह पेट्रोल के जरिए ही बना रहा था। गाड़ी के इर्द-गिर्द पूरी आकृति बनाने के बाद वह गाड़ी के सामने की तरफ आया और वहां गैलन गाड़ी की और फेंक दी।
उसके ठीक सामने जुने अभी भी छटपटा रही थी। वह खुद को आजाद करने की कोशिश कर रही थी, इधर-उधर हाथ-पैर मार रही थी। आरदु ने उसकी ऐसी व्यथा पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया।
उसने अपनी जेब से लाइटर निकाला और उसका ढक्कन खोला। ढक्कन खोलते लाइटर जल पड़ा। जलते लाइटर को देखकर गाड़ी में बैठी जुने की जान हल्क में आ गई। उसके पलकों का झपकना बंद हो गया।
देखते ही देखते आरदु ने जलता हुआ लाइटर गाड़ी की ओर फेंक दिया.... और फिर .... बुम.... एक ही पल में पूरी गाड़ी जल उठी। अंदर आग की लपटों ने जुने को भी घेर लिया। गाड़ी और वो खुद धू-धू कर जल रहे थे। आग की वजह से वह आकृति भी सामने आई जो आरदु ने गाड़ी के इर्द-गिर्द बनाई थी। वह आकृति एक खोपड़ी की थी जिसके माथे वाले हिस्से पर गाड़ी तिलक के रूप में जलती हुई दिखाई दे रही थी।
आरदु ने अपने हाथों को पेंट की जेब में डाला और पीठ घुमा कर खड़ा हो गया। गाड़ी उसकी पीठ के पीछे जलती रही। कुछ देर तक खड़े रहने के बाद वह आगे खाई की और चलने लगा और खाई के किनारे आकर ऊपर आसमान की तरफ देखा।
आसमान पर लाल रंग के बादल मंडराने लगे थे। रात के अंधेरे में भी लाल रंग के बादलों का मडरानां अजीब था। मगर आरदु को यह देखकर हैरानी नहीं हुई। बल्कि उसके चेहरे पर खुशी की झलक आ गई थी।
उसने अपने दोनों हाथों को जोड़ा और घुटनों के बल बैठ गया। जल्द ही आसमान में लाल रंग के बादलों का मडराना और भी ज्यादा बढ़ गया।
तभी अचानक आसमान के बादलों में अजीब सा परिवर्तन और वहां बादलों में एक खौफनाक चेहरे वाली आकृति बन गई। चेहरा कहां से शुरू हो रहा है और कहां पर खत्म, कुछ भी पता नहीं चल रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे आसमान में चेहरा नहीं, बल्कि पूरा आसमान ही चेहरा था।
आरदु अपने सर को झुकाए बोला “महामहिम, ताकतवर, कभी न खत्म होने वाले, हमेशा ऐसे ही बने रहने वाले, शैतानों के शहंशाह को मेरा प्रणाम।”
“तुम आखिर कब तक हमें ऐसे ही बुलाते रहोगे।” आसमान से आवाज आई जो किसी भयानक बादल की गर्जना की तरह थी। आवाज के साथ साथ लाल रंग के बादलों से बिजली का भयंकर रूप से चमकना भी दिखाई दे रहा था। “हमारे वास्तविक रूप को कब इस दुनिया में लाया जाएगा?”
“हम इसके लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं शहंशाह। अपनी पूरी श्रद्धा, पूरी लगन और पूरी मेहनत के साथ हमारे तमाम साथी इस काम के लिए लगे हुए हैं। हमारे रास्ते की अड़चन आश्रम को हमने पूरी तरह से खत्म करने की कगार पर पहुंचा दिया है। बस अब थोड़ी सी कोशिश की और आवश्यकता है और हम लोग कामयाब हो जाएंगे।”
“हुं...” आसमान में दिखाई देने वाले चेहरे ने अपनी नाक सिकोड़ी। उसने वहीं से अपने मुंह को घुमाया और पूरा चेहरा दूसरी तरफ हो गया। चेहरे का विस्थापन लाल बादलों के एक दिशा से दूसरी दिशा में जाने से हुआ था। जिससे कुछ देर के लिए उनमें लहरदार छल्ले और पीली रंग की धाराएं बनी थी। “तो बताओ.... अब मुझे किस लिए बुलाया.... क्या चाहते हो तुम लोग...। ताकत? शोहरत?”
“नहीं मेरे मालिक। हमें इनमें से कुछ भी नहीं चाहिए।” आरदु का सर अभी भी नीचे झुका हुआ था।
“तो....”
“दरअसल बात यह है कि हमारे साथियों को नेतृत्व के तौर पर किसी की जरूरत है। हमारे साथियों में कोई भी ऐसा नहीं जो अंधेरी परछाइयों का नेतृत्व कर सके। बराबर की क्षमता रखने वाले विद्रोह की राजनीति का शिकार हो रहे हैं। और कमजोर क्षमता वाले आगे आने की हिम्मत नहीं रखते।” आरदु जानता था उसे किस तरह से अपनी बात रखनी है। वह इसमें माहिर था।
“तो तुम्हें नेतृत्व के लिए कोई चाहिए...?”
“जी मालिक। हम चाहते हैं कि आप अपने छह सिपेहसालार में से किसी एक को भेज दें। आप इस दुनिया में नहीं आ सकते मगर आपके सिपेहसालारों को आने से कोई नहीं रोक सकता। शैतानी भालू उन्हें ब्रह्मांड के किसी भी एक कोने से दूसरे कोने में लेकर जा सकता है।”
यह सुनते ही अचानक आसमान में सन्नाटा सा छा गया। चमकने वाली बिजली बंद हो गई। आरदु ने जोड़े गए अपने हाथों को अपने दिल पर रख लिया। वह यह सोच रहा था कि कहीं उसने यह बात कह कर कुछ गलत तो नहीं कर दिया। अचानक बादल में गोर गर्जना हुई और आसमान का चेहरा आरदु के पास आ गया। हवाओं के तेज झोंके आरदु के शरीर को छलनी करने लगे। उसका मांस फटने लगा।
आसमान के चेहरे ने कहा “ सिपेहसालार को एक छोटी लड़ाई में उतारना ठीक रहेगा।”
आरदु मास के फटने की वजह से खुद को असहज परिस्थिति में पा रहा था। उसने बड़ी मुश्किल से बोलते हुए कहा “आप इस बारे में बेहतर जानते हैं।”
“आहं.... रहने दो....” आसमान का चेहरा वापस पीछे हट गया। “मेरे पास इस से भी बढ़िया एक और विकल्प है। तुम बेफिक्र रहो... यह विकल्प तुम्हें निराश नहीं करेगा।”
“जी मेरे मालिक।”
देखते ही देखते ऊपर आसमान के लाल बादल छटने लगे। हवाओं की गति कम होने लगी। उसके शरीर का जो मांस फटा था वह भी ठीक होने लगा। हालांकि वहां से काले रंग का खुन अभी भी निकल रहा था। सब कुछ शांत हो जाने के बाद आरदु अपनी जगह से खड़ा हुआ और उसने एक गहरी राहत वाली सांस ली। वह अब इस बारे में सोच रहा था कि शैतान किस विकल्प की बात कर रहे हैं। क्या वह ख़तरनाक होगा??
★★★
Manish Kumar(DEV)
18-Dec-2021 07:30 PM
Supdd
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